सभी देशवासियों को आदर पूर्वक नमस्कार(Greetings), कोरोना संक्रमण (Corona Infection) से मुकाबला(Fight) करते हुए दुनिया को अब चार महीने (Four Months) से ज्यादा(completed) हो रहे हैं
साथियों(Comrades), एक वायरस (Virus) ने दुनिया को तहस-नहस(Devastated) कर दिया है। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां(Lives) संकट का सामना (Facing Crisis) कर रही हैं। सारी दुनिया, जिंदगी बचाने की जंग में जुटी (Battling to save lives) है
लेकिन थकना(Tiresome), हारना(Losing), टूटना-बिखरना(Shattering), मानव (Humanity) को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए(Being Alert), ऐसी जंग के सभी नियमों (Rules) का पालन (Following) करते हुए, अब हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना (do proceed forward) है
जब हम इन दोनों कालखंडो (Time Period) को भारत के नजरिए (Attitude) से देखते हैं तो लगता है कि 21वीं सदी (Century) भारत की हो, ये हमारा सपना (Dream) नहीं, ये हम सभी की जिम्मेदारी (Responsibility) है
विश्व की आज (Today's World) की स्थिति(Situation) हमें सिखाती (Teaches) है कि इसका मार्ग एक (One Path) ही है- "आत्मनिर्भर भारत" (Self-Reliant India)
एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ (Critical Turn) पर खड़े हैं। इतनी बड़ी आपदा, भारत के लिए एक संकेत (Signal) लेकर आई है, एक संदेश (Message) लेकर आई है, एक अवसर (Opportunity) लेकर आई है
जब कोरोना संकट शुरु हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन (Name-Sake/Nominal Production) होता था। आज स्थिति (Today's Situation) ये है कि भारत में ही हर रोज (Everyday) 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं
विश्व के सामने भारत का मूलभूत (Fundamental) चिंतन (Thoughts), आशा की किरण (a ray of hope) नजर आता है। भारत की संस्कृति(Culture), भारत के संस्कार(Rites), उस आत्मनिर्भरता (Self-Reliant)की बात करते हैं जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम (Whole World as a Family) है
भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो आत्मकेंद्रित (Socially Disconnected) व्यवस्था की वकालत नहीं (not advocated) करता। भारत की आत्मनिर्भरता में संसार (World's) के सुख(Happiness), सहयोग (Cooperation) और शांति (Peace) की चिंता (Interest/Concern) होती है
जो पृथ्वी (Earth) को मां मानती हो, वो संस्कृति, वो भारतभूमि, जब आत्मनिर्भर बनती है, तब उससे एक सुखी-समृद्ध विश्व (Happy-Rich World) की संभावना भी सुनिश्चित (Possibility) होती है
भारत की प्रगति (Progress) में तो हमेशा विश्व की प्रगति समाहित रही है। भारत के लक्ष्यों(goal) का प्रभाव (Impact), भारत के कार्यों (action) का प्रभाव, विश्व कल्याण (Global Welfare) पर पड़ता है
जब भारत खुले में शौच (Open Defecation) से मुक्त होता है तो दुनिया की तस्वीर(Picture) बदल जाती है। टीबी(TB) हो, कुपोषण(Malnutrition) हो, पोलियो (Polio) हो, भारत के अभियानों (Scheme/Campaign) का असर (Impact) दुनिया पर पड़ता ही पड़ता है
इंटरनेशनल सोलर अलायंस (International Solar Alliance), ग्लोबर वॉर्मिंग (Global Warming) के खिलाफ (Fight) भारत की सौगात (Gift) है। इंटरनेशनल योगा दिवस की पहल, मानव जीवन को तनाव से मुक्ति (Stress Relief) दिलाने के लिए भारत का उपहार (Contribution) है
जिंदगी और मौत (Life & Death) की लड़ाई (Fight) लड़ रही दुनिया में आज भारत की दवाइयां (Medicine) एक नई आशा (Hope) लेकर पहुंचती हैं। इन कदमों (Steps/Initiative) से दुनिया भर में भारत की भूरि-भूरि प्रशंसा (praised) होती है, तो हर भारतीय गर्व (Proud) करता है
दुनिया को विश्वास (believes) होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण(Welfare) के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है। सवाल (Question) यह है - कि आखिर कैसे? इस सवाल का भी उत्तर (Answer) है- 130 करोड़ देशवासियों (Countrymen) का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प (Resolution)
आज हमारे पास साधन (Resource) हैं, हमारे पास सामर्थ्य (Power/Skill) है, हमारे पास दुनिया का सबसे बेहतरीन टैलेंट (Talent) है, हम Best Products बनाएंगे, अपनी Quality और बेहतर करेंगे, सप्लाई चेन (Supply Chain) को और आधुनिक(Modernize) बनाएंगे, ये हम कर सकते हैं और हम जरूर (certainly) करेंगे
यही हम भारतीयों की संकल्पशक्ति(Power of Determination) है। हम ठान लें तो कोई लक्ष्य (any goal) असंभव (impossible) नहीं, कोई राह (path) मुश्किल(difficult) नहीं। और आज तो चाह(will) भी है, राह (way) भी है। ये है भारत को आत्मनिर्भर बनाना
आत्मनिर्भर भारत (Self-Reliant Bharath) की ये भव्य इमारत(Magnificent Building), पाँच Pillars पर खड़ी होगी।
पहला पिलर Economy एक ऐसी इकॉनॉमी जो Incremental change नहीं बल्कि Quantum Jump लाए
दूसरा पिलर Infrastructure एक ऐसा Infrastructureजो आधुनिक(Modern) भारत की पहचान(Identity) बने
तीसरा पिलर- हमारा System- एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी (Past Century) की रीति-नीति नहीं, बल्कि 21वीं सदी (21st Century) के सपनों (Dream) को साकार करने वाली Technology Driven व्यवस्थाओं पर आधारित हो
चौथा पिलर- हमारी Demography- दुनिया की सबसे बड़ी Democracy में हमारी Vibrant Demography हमारी ताकत (Strength) है, आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा (Energy) का स्रोत (Source) है
पाँचवाँ पिलर- Demand- हमारी अर्थव्यवस्था (Economic Chain) में डिमांड और सप्लाई (Demand & Supply) चेन का जो चक्र (Cycle) है, जो ताकत है, उसे पूरी क्षमता (Full Potential) से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है
कोरोना संकट का सामना (facing) करते हुए, नए संकल्प (New Resolution) के साथ मैं आज एक विशेष (Special) आर्थिक (Economic) पैकेज की घोषणा (announcing) कर रहा हूं। ये आर्थिक पैकेज, 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की अहम कड़ी (important link) के तौर पर काम करेगा
हाल में सरकार ने कोरोना संकट (corona crisis) से जुड़ी (related) जो आर्थिक घोषणाएं (declaration) की थीं, जो रिजर्व बैंक (RBI) के फैसले (decision) थे, और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। ये पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 प्रतिशत (10% of India’s GDP) है
इन सबके जरिए देश के विभिन्न (Various) वर्गों (Section) को, आर्थिक व्यवस्था (Economic System) की कड़ियों (link) को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल (Benefits/ Support) मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा। 20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को, आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा
आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध (Fullfil/Prove) करने के लिए, इस पैकेज में Land, Labour, Liquidity और Laws, सभी पर बल दिया (Stressed upon) गया है
ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग (Cottage Industry) , गृह उद्योग (Home Industry), हमारे लघु-मंझोले (Smale-Scale) उद्योग, हमारे MSME के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका (Livelihood) का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत (Strong) आधार (Foundation) है
ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक (Labourer) के लिए है, देश के उस किसान (Farmers) के लिए है जो हर स्थिति (Every Situation), हर मौसम (Every Season) में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम (working) कर रहा है। ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग (Middle Class) के लिए है, जो ईमानदारी (honestly) से टैक्स देता है, देश के विकास (development) में अपना योगदान (Contribution) देता है
आपने भी अनुभव किया है कि बीते 6 वर्षों में जो Reforms हुए, उनके कारण आज संकट के इस समय भी भारत की व्यवस्थाएं (framework) अधिक सक्षम (efficient functioing), अधिक समर्थ नज़र आईं हैं
अब Reforms के उस दायरे (scope) को व्यापक (widen) करना है, नई ऊंचाई (height) देनी है। ये रिफॉर्मस खेती से जुड़ी पूरी सप्लाई चेन में होंगे, ताकि किसान (Farmer) भी सशक्त (empowered) हो और भविष्य (future) में कोरोना जैसे किसी दूसरे संकट में कृषि (Agriculture) पर कम से कम असर (impact) हो
साथियों, आत्मनिर्भरता, आत्मबल (Strength) और आत्मविश्वास (Self-confidence) से ही संभव है। आत्मनिर्भरता, ग्लोबल सप्लाई चेन (Global Supply Chain) में कड़ी स्पर्धा के लिए भी देश को तैयार करती है
ये संकट इतना बड़ा है, कि बड़ी से बड़ी व्यवस्थाएं (system) हिल (shaken) गई हैं। लेकिन इन्हीं परिस्थितियों (circumstance) में हमने, देश ने हमारे गरीब भाई-बहनों की संघर्ष-शक्ति(power to struggle), उनकी संयम-शक्ति (power to restraint) का भी दर्शन किया है
आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए ‘वोकल’ बनना है, न सिर्फ लोकल Products खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है
लॉकडाउन का चौथा चरण, लॉकडाउन 4, पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी भी आपको 18 मई से पहले दी जाएगी
आत्मनिर्भरता हमें सुख और संतोष देने के साथ-साथ सशक्त (empowered) भी करती है। 21वीं सदी (21st Century), भारत की सदी (Century of Baharat) बनाने का हमारा दायित्व (Responsibility), आत्मनिर्भर भारत के प्रण से ही पूरा होगा। इस दायित्व को 130 करोड़ देशवासियों की प्राणशक्ति (Life Force) से ही ऊर्जा मिलेगी
आत्मनिर्भर भारत का ये युग, हर भारतवासी के लिए नूतन प्रण (New Vow) भी होगा, नूतन पर्व भी होगा। अब एक नई प्राणशक्ति, नई संकल्पशक्ति के साथ हमें आगे बढ़ना है
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